विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) इस समय अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर हैं। अपनी यात्रा की शुरुआत उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘आतंकवाद की मानवीय लागत’ नाम की एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करके की, जो भारत के स्थायी मिशन द्वारा आयोजित की गई थी। वे मंगलवार को वाशिंगटन डीसी में होने वाली क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे।
भारत ने बताया आतंक का नया चेहरा
एस. जयशंकर ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमला केवल निर्दोष लोगों की हत्या नहीं थी, बल्कि इसका उद्देश्य कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था को तबाह करना था। उन्होंने इसे आर्थिक युद्ध (Economic Warfare) करार देते हुए कहा कि अब भारत चुप नहीं बैठेगा।
“अब परमाणु धमकियों से भारत नहीं डरेगा”
जयशंकर ने दो टूक कहा कि भारत अब किसी भी परमाणु ब्लैकमेल या धमकी से डरकर आतंकवाद का जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से आने वाला आतंकवाद अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और हर हमले का सख्ती से जवाब दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में एक ही भावना थी – “अब बहुत हो गया।” हमला करने से पहले लोगों का धर्म पूछा गया, जिससे यह साफ था कि इसका मकसद धार्मिक तनाव बढ़ाना और देश को बांटना भी था।
Operation Sindoor: आतंकवाद को भारत का करारा जवाब
भारत ने इस हमले के बाद “ऑपरेशन सिंदूर” चलाया, जिसमें पाकिस्तान और POK में मौजूद आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया। जयशंकर ने बताया कि ये संगठन किसी छिपे हुए जंगल में नहीं, बल्कि शहरों के बीच कॉर्पोरेट ऑफिस जैसे बिल्डिंगों में काम कर रहे थे, जिन्हें भारत ने सफलतापूर्वक निशाना बनाया।
अब आतंकवादियों को “प्रॉक्सी” नहीं माना जाएगा
जयशंकर ने कहा कि अब भारत किसी भी आतंकी संगठन को प्रॉक्सी (छद्म रूप में लड़ने वाला) नहीं मानेगा। उन्होंने यह भी साफ किया कि जो सरकारें इन संगठनों को फंडिंग, ट्रेनिंग और राजनीतिक समर्थन देती हैं, उनके खिलाफ भी अब एक्शन लिया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र में दिया कड़ा संदेश
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में “आतंकवाद की मानवीय लागत” नामक प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान जयशंकर ने कहा कि दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि कोई भी देश आतंकवाद को अपनी विदेश नीति का हिस्सा न बनाए, क्योंकि इसका अंत सबके लिए विनाशकारी होता है।
जयशंकर ने बताया कि भारत 1947 की आजादी के कुछ ही महीनों बाद से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का शिकार रहा है। उन्होंने 2001 का संसद हमला, 2008 का मुंबई हमला और कई अन्य घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत ने इस लड़ाई में कभी पीछे नहीं हटने का फैसला किया है।
बातचीत के दौरान जयशंकर ने खुलासा किया कि जब पाकिस्तान ने बड़े हमले की धमकी दी थी, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कहा – “अगर गोली चलेगी, तो जवाब गोले से दिया जाएगा।” इसके बाद भारत ने तेज़ और सटीक जवाब दिया, जिससे पाकिस्तान बातचीत के लिए मजबूर हुआ।